हाल ही में कश्मीर में हुआ पहलगाम हमला बहुत ही दर्दनाक था. इसको लेकर अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान बताया है कि कांग्रेस की सरकार में कितने आतंकी हमले हुए थे, जिनमें अब कमी आई.

आज संसद के मानसून सत्र का सातवां दिन है. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में ऑपरेशन सिंदूर रहा है. 22 अप्रैल 2024 को कश्मीर की बैसरन घाटी में जब आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, इसके बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेश सिंदूर चलाया था और पाकिस्तान को दिखा दिया था कि अगर तुमने भारत की ओर नजरें उठाने की कोशिश भी की तो यह देश ऐसे नामाकूलों को जवाब देना बहुत अच्छे से जानता है.
संसद में आज अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बात की, साथ ही साथ जो कल सेना की ओर ऑपरेशन महादेव चलाया गया, जिसमें तीन आतंकवादी मारे गए इस पर भी उन्होंने चर्चा की है. इसके अलावा इस बात पर भी बात हुई है कि आखिर यूपीए की सरकार में कितने आतंकी हमले हुए और जब देश में भाजपा की सरकार आई तो उन हमलों का आंकड़ा क्या था.
कांग्रेस की सरकार में कितने जघन्य हमले हुए?
आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति, मुस्तैद सुरक्षा एजेंसियां और पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की बदौलत देश में पिछले कुछ सालों में तो आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में थोड़ा बदलाव तो आया है. यही वजह है कि पिछले 11 सालों में आतंकी वारदातें घटकर करीब एक तिहाई के आसपास रह गई हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस की सरकार में 27 जघन्य हमले हुए और 1000 के करीब लोग इसमें मारे गए हैं. हमारे समय में जो भी आतंकी घटनाएं हुईं, वो पाक प्रेतिक और कश्मीर केंद्रित हुई हैं. इसके अलावा देश में कोई आतंकी घटना नहीं हुई है.
पिछले 25 साल में देश में कितने आतंकी हमले
चलिए अब आपको थोड़ा विस्तार से आंकड़े बताएं. दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) की एक रिपोर्ट बताती है कि 2000 से 2024 के बीच में भारत में हर तीसरा आतंकी हमला कश्मीर में हुआ है. कश्मीर में 2024 तक हुए छोटे-बड़े 22,143 आतंकी हमलों में 4981 आम नागरिकों की जान गई है. वहीं साल 2024 तक इन आतंकियों से लड़ते हुए 3624 सुरक्षा बल शहीद हुए हैं. वहीं दूसरा आंकड़ा यह भी कहता है कि 2000 से 2024 के बीच भारतीय सेना ने 24,512 आतंकियों को मार गिराया है. अगर 2025 में पहलगाम हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या भी जोड़ ली जाए तो यह आंकड़ा बढ़ जाता है. इनमें से औसतन हर दूसरा आतंकी कश्मीर में ही मारा गया है.
कांग्रेस और भाजपा की सरकार में आतंकी हमलों की संख्या
वहीं गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट बताती है कि पूरे देश में साल 2004 से लेकर 2014 तक 7217 आतंकी हमले हुए हैं, जबकि बीते दशक में यानि 2014 से 2024 तक इन आतंकी हमलों की संख्या में कमी आई है और यह संख्या घटकर 2242 से भी कम हो गई है. साल 2015 की बात करें तो इस साल कश्मीर में पहलगाम जैसा बड़ा आतंकी हमला देखने को मिला है. इस दौरान आतंकी हमलों में जनहानि में 70% की कमी दर्ज कई गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार आम नागरिकों की मौत की संख्या में 81% की कमी और सुरक्षाकर्मियों की मौत की संख्या में 50 फीसदी की कमी आई है.
अनुच्छेद 370 ने तबाह कर दिया आतंकवाद का इकोसिस्टम
गृहमंत्री ने आज (मंगलवार) संसद ने आतंकी हमलों पर बोलते हुए कहा है कि यूपीए सरकार ने कश्मीर में जो आतंकी घटनाएं हुई हैं, मोदी सरकार आने के बाद उनमें कमी आई है. यूपीए की सरकार में सुरक्षाबलों की मत्यु 1060 के आसपास थी, जो कि मोदी सरकार आने के बाद आधी रह गई है. अमित शाह ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 ने कश्मीर में आतंकवाद के इकोसिस्टम को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. एक जमाने में 10 हजार लोगों के जनाजे निकलते थे, लेकिन अब जो भी मारा जाता है, उसे वहीं दफन कर दिया जाता है.
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